भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां का मानसून अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालता है। क्योंकि कम या ज्यादा बारिश होने से सीधे खेती पर असर होता है। इसके अलावा शहरी इलाकों में भी कम मानसून से पानी की किल्लत, अधिक से जल भराव जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। चलीए जानते हैं इस बार कैसा रहा मानसून का हाल।
समय से पहले मानसून की दस्तकइस बार कई राज्यों में समय से पहले मानसून दस्तक दे चुका था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस बार सामान्य से 105 प्रतिशत अधिक बारिश अनुमान जताया गया। जिसका अर्थव्यवस्था के साथ ही कृषि पर भी अच्छा असर है। हालांकि इससे कई चुनौतियां भी सामने आती हैं।
पूर्वी राज्यों में मानसून की स्थितिपूर्वी राज्य जैसे पश्चिम बंगाल बिहार और पूर्वोत्तर राज्य जैसे मेघालय, असम,अरुणाचल प्रदेश में भी समय से पहले मानसून की दस्तक हो चुकी थी, लेकिन बारिश की कमी है। बिहार में मानसून आने में थोड़ी देर हुई। लेकिन कुछ इलाकों में अच्छी बारिश का फायदा धान की फसल को हुआ तो कुछ में पानी की कमी बनी हुई है। पश्चिम बंगाल में कुछ जिलों में भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी। वहीं कुछ इलाकों में भारी कमी देखी जा रही है। पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश सामान्य से कम हुई है। नकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है।
पश्चिमी भारत में मानसून की स्थिति महाराष्ट्र में वैसे तो अच्छा मानसून रहा, लेकिन जून के मध्य में किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे। राजस्थान में अच्छी बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में 80% अधिक बारिश हुई। जो किसानों के लिए तो अच्छा है लेकिन कई इलाकों में जल भराव जैसी स्थिति बनी। यहां भी मानसून ने समय से पहले दस्तक दे दी थी। इसके अलावा गुजरात में कुछ क्षेत्रों कम बारिश तो कुछ में अच्छी बारिश हुई है। अच्छी बारिश से कृषि को बढ़ावा मिल रहा है जिससे अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है।
उत्तरी राज्यों में मानसून की स्थितिउत्तरी राज्यों में मानसून की स्थिति मिली जुली है। हरियाणा,पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में अच्छी बारिश हुई है। वहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में कुछ इलाकों में तो भारी बारिश से जलभराव जैसी स्थिति बनी हुई है वहीं कुछ इलाकों में पानी की कमी है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में भी अच्छी वर्षा हुई है।
दक्षिणी भारत में मानसून की स्थितिकेरल में भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, लेकिन अभी भी सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड हुई है। इसके अलावा कर्नाटक में अच्छी बारिश लाभकारी रही है, लेकिन बेंगलुरु जैसे कई शहरों में जल भराव की स्थिति के कारण स्थानीय परिवहन के साथ ही संपत्तियों को भी काफी नुकसान हुआ है। तमिलनाडु में भी सामान्य से कम बारिश हुई है जिससे फसलों की बुवाई प्रभावित हुई। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मानसून समय से पहले आ चुका था जहां अच्छी बारिश के कारण कृषि को फायदा हुआ है।
मध्य भारत में मानसून की स्थितिमध्य प्रदेश में मानसून ने जल्दी दस्तक तो दे दी थी लेकिन कई इलाकों में जून के महीने में बारिश का इंतजार रहा। किसान बुवाई के लिए अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे थे वहीं शहरी इलाकों में भारी गर्मी से लोग परेशान थे। बाद में अच्छी बारिश हुई जिसका लाभ कृषि क्षेत्र को हुआ है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी अच्छी बारिश हुई है।
मानसून का कृषि और अर्थव्यवस्था पर असरभारत एक कृषि प्रधान देश है इसीलिए अच्छे मानसून का सभी को इंतजार रहता है। इस बार सामान्य से अच्छी बारिश हुई है जिसके कारण कृषि को फायदा हुआ है। कुछ राज्यों में कम बारिश के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ा, लेकिन पूरे भारत में औसतन अच्छा मानसून रहा. जिससे खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आय में सुधार की उम्मीद की जा रही है। जलाशय में भी पानी भरा हुआ है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जल संकट कम हुआ है। भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है।
समय से पहले मानसून की दस्तकइस बार कई राज्यों में समय से पहले मानसून दस्तक दे चुका था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस बार सामान्य से 105 प्रतिशत अधिक बारिश अनुमान जताया गया। जिसका अर्थव्यवस्था के साथ ही कृषि पर भी अच्छा असर है। हालांकि इससे कई चुनौतियां भी सामने आती हैं।
पूर्वी राज्यों में मानसून की स्थितिपूर्वी राज्य जैसे पश्चिम बंगाल बिहार और पूर्वोत्तर राज्य जैसे मेघालय, असम,अरुणाचल प्रदेश में भी समय से पहले मानसून की दस्तक हो चुकी थी, लेकिन बारिश की कमी है। बिहार में मानसून आने में थोड़ी देर हुई। लेकिन कुछ इलाकों में अच्छी बारिश का फायदा धान की फसल को हुआ तो कुछ में पानी की कमी बनी हुई है। पश्चिम बंगाल में कुछ जिलों में भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी। वहीं कुछ इलाकों में भारी कमी देखी जा रही है। पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश सामान्य से कम हुई है। नकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है।
पश्चिमी भारत में मानसून की स्थिति महाराष्ट्र में वैसे तो अच्छा मानसून रहा, लेकिन जून के मध्य में किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे। राजस्थान में अच्छी बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में 80% अधिक बारिश हुई। जो किसानों के लिए तो अच्छा है लेकिन कई इलाकों में जल भराव जैसी स्थिति बनी। यहां भी मानसून ने समय से पहले दस्तक दे दी थी। इसके अलावा गुजरात में कुछ क्षेत्रों कम बारिश तो कुछ में अच्छी बारिश हुई है। अच्छी बारिश से कृषि को बढ़ावा मिल रहा है जिससे अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है।
उत्तरी राज्यों में मानसून की स्थितिउत्तरी राज्यों में मानसून की स्थिति मिली जुली है। हरियाणा,पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में अच्छी बारिश हुई है। वहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में कुछ इलाकों में तो भारी बारिश से जलभराव जैसी स्थिति बनी हुई है वहीं कुछ इलाकों में पानी की कमी है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में भी अच्छी वर्षा हुई है।
दक्षिणी भारत में मानसून की स्थितिकेरल में भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, लेकिन अभी भी सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड हुई है। इसके अलावा कर्नाटक में अच्छी बारिश लाभकारी रही है, लेकिन बेंगलुरु जैसे कई शहरों में जल भराव की स्थिति के कारण स्थानीय परिवहन के साथ ही संपत्तियों को भी काफी नुकसान हुआ है। तमिलनाडु में भी सामान्य से कम बारिश हुई है जिससे फसलों की बुवाई प्रभावित हुई। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मानसून समय से पहले आ चुका था जहां अच्छी बारिश के कारण कृषि को फायदा हुआ है।
मध्य भारत में मानसून की स्थितिमध्य प्रदेश में मानसून ने जल्दी दस्तक तो दे दी थी लेकिन कई इलाकों में जून के महीने में बारिश का इंतजार रहा। किसान बुवाई के लिए अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे थे वहीं शहरी इलाकों में भारी गर्मी से लोग परेशान थे। बाद में अच्छी बारिश हुई जिसका लाभ कृषि क्षेत्र को हुआ है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी अच्छी बारिश हुई है।
मानसून का कृषि और अर्थव्यवस्था पर असरभारत एक कृषि प्रधान देश है इसीलिए अच्छे मानसून का सभी को इंतजार रहता है। इस बार सामान्य से अच्छी बारिश हुई है जिसके कारण कृषि को फायदा हुआ है। कुछ राज्यों में कम बारिश के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ा, लेकिन पूरे भारत में औसतन अच्छा मानसून रहा. जिससे खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आय में सुधार की उम्मीद की जा रही है। जलाशय में भी पानी भरा हुआ है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जल संकट कम हुआ है। भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है।
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