
रूप सिंह का जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर में 8 सितंबर 1908 को हुआ था। हॉकी को लेकर उनके मन में बचपन से ही जुनून था। इसी जुनून की वजह से वह भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा बने। 1932 और 1936 ओलंपिक में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल दिलाने में निर्णायक भूमिका रूप सिंह की रही थी।
1932 का ओलंपिक लांस एंजिल्स, अमेरिका में खेला गया था। भारत ने जापान को 11-1 और अमेरिका को रिकॉर्ड 24-1 से हराकर गोल्ड मेडल जीता था। जापान के खिलाफ रूप सिंह ने 3 जबकि अमेरिका के खिलाफ 10 गोल दागे थे। अमेरिका को हराकर भारत ने गोल्ड जीता था।
1936 का ओलंपिक जर्मनी में खेला गया था और भारतीय टीम ने इस ओलंपिक में भी गोल्ड जीता था। ध्यानचंद की कप्तानी में भारतीय टीम ने लीग चरण में जापान को 9-0, हंगरी को 4-0 और यूएसए को 7-0 से हराया था। सेमीफाइनल में भारत ने फ्रांस को 10-0 से हराया। फाइनल मुकाबला जर्मनी के खिलाफ खेला गया था। भारतीय टीम ने 8-1 से मैच जीत गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था। फाइनल में रूप सिंह ने 4 गोल किए थे, जबकि ध्यानचंद 3 गोल कर पाए थे। 1936 ओलंपिक में ध्यानचंद और रूप सिंह दोनों ने 11-11 गोल किए थे।
फाइनल में जर्मनी की हार के बाद भारतीय टीम को मेडल पहनाने हिटलर आया था। वह रूप सिंह का खेल देख मंत्रमुग्ध था और उन्हें बेहतरीन खिलाड़ी बताया। ध्यानचंद के साथ ही रूप सिंह को भी हिटलर ने जर्मनी में नौकरी का प्रस्ताव दिया था। दोनों भाइयों ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
1936 का ओलंपिक जर्मनी में खेला गया था और भारतीय टीम ने इस ओलंपिक में भी गोल्ड जीता था। ध्यानचंद की कप्तानी में भारतीय टीम ने लीग चरण में जापान को 9-0, हंगरी को 4-0 और यूएसए को 7-0 से हराया था। सेमीफाइनल में भारत ने फ्रांस को 10-0 से हराया। फाइनल मुकाबला जर्मनी के खिलाफ खेला गया था। भारतीय टीम ने 8-1 से मैच जीत गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था। फाइनल में रूप सिंह ने 4 गोल किए थे, जबकि ध्यानचंद 3 गोल कर पाए थे। 1936 ओलंपिक में ध्यानचंद और रूप सिंह दोनों ने 11-11 गोल किए थे।
Also Read: LIVE Cricket Scoreजर्मनी के म्यूनिख शहर में एक सड़क का नाम रूप सिंह के नाम पर है। ग्वालियर में रूप सिंह के नाम पर एक क्रिकेट स्टेडियम भी है। हॉकी के अलावा, रूप लॉन टेनिस और क्रिकेट भी खेलते थे। उन्होंने ग्वालियर स्टेट का प्रतिनिधित्व रणजी ट्रॉफी में किया था। इस महान खिलाड़ी की मृत्यु 16 दिसंबर 1977 को ग्वालियर में हो गई थी।
Article Source: IANSYou may also like
साई सुदर्शन ने जान जोखिम में डालकर लपका ऐसा कैच... ड्रेसिंग रूम में भी सब रह गए हक्के-बक्के, लगी भयंकर चोट
क्या है मराठी सीरीज 'बाई तुझ्यापायी' की कहानी? जानें इस दिलचस्प प्रोजेक्ट के बारे में!
अमिताभ बच्चन के 83वें जन्मदिन पर जया बच्चन की अनदेखी शादी की तस्वीरें!
शराबी को काटना किंग कोबरा को पड़ गया` महंगा सांप मर गया शराबी बच गया
धनतेरस 2025: गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन और भाग्यशाली राशियां