भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम को सीज़फ़ायर की घोषणा के कुछ घंटों बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर सीज़फ़ायर का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं.
शनिवार देर रात भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, "जिस समझौते पर हम पहुंचे हैं उसका लगातार उल्लंघन किया जा रहा है."
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा वो "सीज़फ़ायर के लिए प्रतिबद्ध हैं. भले ही भारत कुछ क्षेत्रों में उसका उल्लंघन कर रहा हो."
सीज़फ़ायर की घोषणा के कुछ घंटों के बाद श्रीनगर में मौजूद बीबीसी की टीम ने धमाकों की आवाज़ें सुनीं.
शनिवार रात जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सवाल किया, "सीजफ़ायर का क्या हुआ? श्रीनगर में चारों ओर धमाकों की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं."
वहीं गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने भी कहा, "कच्छ ज़िले में कई ड्रोन देखे गए हैं. अभी पूरी तरह से ब्लैकआउट लागू किया जाएगा."
सीज़फ़ायर के एलान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने शनिवार देर रात राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "ये पाकिस्तान की ऐतिहासिक जीत है."
रेड अलर्ट पर है अमृतसर
अमृतसर में रविवार सुबह सायरन की तेज़ आवाज़ें सुनी गईं. इसके बाद डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने एक एडवाइज़री जारी की.
उसमें कहा गया कि बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लेकिन ज़िला (अमृतसर) अभी भी रेड अलर्ट पर है.
एडवाइज़री में कहा गया, "लोगों से अपील है कि वे बाहर न निकलें, घर के अंदर रहें और खिड़कियों से दूर रहें. जब ये सब सुरक्षित होगा तो अधिकारी ग्रीन सिग्नल जारी करेंगे."
"कृपया शांत रहें और सभी निर्देशों का पालन करें."
देर रात भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक स्पेशल प्रेस ब्रीफिंग की.
उन्होंने कहा, "पिछले कुछ दिनों से हो रही सैन्य कार्रवाई को रोकने का समझौता आज शाम को हुआ था. पिछले कुछ घंटों से पाकिस्तान की तरफ़ से इस समझौते का घोर उल्लंघन हो रहा है."
"भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है और इस सीमा अतिक्रमण से निपट रही है. ये अतिक्रमण अत्यंत ही निंदनीय है और पाकिस्तान इसके लिए ज़िम्मेदार है."
क़रीब ढाई मिनट की इस प्रेस ब्रीफिंग में विक्रम मिसरी ने कहा, "हमारा मानना है कि पाकिस्तान इस स्थिति को ठीक से समझे और इस अतिक्रमण को रोकने के लिए तुरंत उचित कार्रवाई करे."
उन्होंने कहा, "सेना ने इस स्थिति पर कड़ी नज़र रखी हुई है और उसे किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए ठोस और सख़्त कदम उठाने के लिए आदेश दे दिए गए हैं."
पाकिस्तान ने क्या कहा?
भारत के जवाब में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "पाकिस्तान ईमानदारी से सीज़फ़ायर का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है."
"भारत की ओर से कुछ क्षेत्रों में किए जा रहे उल्लंघनों के बावजूद हमारी सेना ज़िम्मेदारी और संयम के साथ स्थिति को संभाल रही है."
उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि सीज़फ़ायर के पालन में आ रही किसी भी समस्या का समाधान बातचीत के ज़रिए निकाला जाना चाहिए."
"ज़मीन पर मौजूद सैनिकों को भी संयम बरतना चाहिए."
शहबाज़ शरीफ क्या बोले?देर रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तानी सेना, नौसेना और सशस्त्र बलों के अधिकारियों का नाम लेकर उन्हें बधाई दी और कहा, "ये पाकिस्तान की ऐतिहासिक जीत है."
शरीफ़ ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, "यदि कोई हमारी स्वतंत्रता को चुनौती देता है, तो हम अपनी रक्षा के लिए कुछ भी करेंगे."
उन्होंने कहा किया कि उनके देश के खिलाफ़ लगाए जा रहे आरोप 'निराधार' हैं और वह इसकी जांच चाहते हैं.
शहबाज़ शरीफ़ के संबोधन पर भारत ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सीज़फ़ायर के लिए शरीफ़ ने अमेरिका और चीन का शुक्रिया अदा किया.
शरीफ ने कहा, "मैं राष्ट्रपति ट्रंप के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं. वॉशिंगटन ने संघर्ष विराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है."
चीन का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अपने बहुत प्यारे, बहुत भरोसेमंद और बहुत प्रिय मित्र चीन का भी धन्यवाद करते हैं."
शनिवार शाम को हुआ सीज़फ़ायर का एलानभारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की शुरुआत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले से हुई. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी.
भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया था जबकि पाकिस्तान ने इससे इनकार करते हुए घटना की स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग की थी और इसमें सहयोग करने की पेशकश की थी.
23 अप्रैल को भारत ने सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट मीटिंग में पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध सीमित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करने जैसे कड़े फ़ैसले लिए.
इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौते समेत सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने का एलान किया. बाद में दोनों देशों ने अपने वायु क्षेत्र एक-दूसरे के विमानों के लिए बंद कर दिए थे.
भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई स्थानों पर हमले किए थे. पाकिस्तान ने इस हमले में कई लोगों की मौत के साथ बड़े नुक़सान की बात मानी थी.
सात मई के बाद से ही पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर से सटे नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी बढ़ा दी और भारत ने कहा कि इस गोलाबारी में उसके 16 नागरिक मारे गए जबकि कई लोग घायल हो गए.
शनिवार को पाकिस्तानी फ़ौज के जनसंपर्क विभाग ने एलान किया कि उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ जवाबी हमला शुरू कर दिया है. पाकिस्तान की फौज के जनसंपर्क विभाग आईएसपीआर के मुताबिक़ पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई को 'ऑपरेशन बुनयान मरसूस' नाम दिया.
इसी बीच शनिवार को भारतीय समयानुसार शाम क़रीब 5.30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक सोशल मीडिया पोस्ट आया जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फ़ायर की जानकारी दी गई थी.
इसके तुरंत बाद विदेश मंत्री मार्को रुबियो, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसहाक़ डार और भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस ख़बर की पुष्टि की गई.
हालांकि भारतीय सेना ने सीज़फ़ायर की घोषणा के साथ ही कहा, "सेना सीज़फ़ायर को लेकर बनी सहमति का पालन करेगी, लेकिन भारत की संप्रभुता बनाए रखने के लिए सेना 'सतर्क' रहेगी."
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, "आतंकवाद के सभी रूपों के ख़िलाफ़ भारत ने लगातार कठोर और न झुकने वाला रुख़ अपनाया है. वो ऐसा करना जारी रखेगा."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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