विमल पान मसाला कंपनी ने भ्रामक विज्ञापन और पान मसाले में केसर होने के दावे पर कोर्ट में अपना जवाब पेश किया है। बताया गया है कि शिकायतकर्ता ने परेशान करने के उद्देश्य से यह याचिका दायर की है। केसर की शुद्धता और मात्रा के बारे में कोई विज्ञापन नहीं किया जा रहा है। वे केवल केसर युक्त इलायची बेचते हैं। जवाब में यह भी लिखा गया कि कोर्ट में दायर भ्रामक विज्ञापन की याचिका झूठी, मिथ्या और भ्रामक है। साथ ही इस मामले की सुनवाई का अधिकार कोटा उपभोक्ता कोर्ट के पास नहीं बल्कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के पास है। अब इस मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से जवाब मांगा है। इसके लिए अगली सुनवाई 23 मई को होगी।
बोलो जुबान केसरी टैगलाइन, दावा नहीं
पान मसाला निर्माताओं ने अपने जवाब में लिखा- विज्ञापन में 'बोलो जुबान केसरी' टैगलाइन का विशेष रूप से इस्तेमाल किया गया है। उत्पादों में केसर की शुद्धता और मात्रा के बारे में विज्ञापन द्वारा कोई कथित दावा नहीं किया गया। बल्कि विज्ञापनों में स्पष्ट वैधानिक चेतावनी दी गई है कि केसर विमल इलायची में मौजूद तत्वों में से केवल एक है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि विज्ञापन दर्शकों को 'विमल इलायची' की गुणवत्ता या मात्रा के बारे में गुमराह करते हैं। इसलिए यह पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है।सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के वकील विवेक नंदवाना ने कहा- भाजपा नेता और अधिवक्ता इंद्रमोहन सिंह हनी ने जवाब पेश करने के लिए आयोग से समय मांगा है। जिस पर आयोग की अगली सुनवाई 23 मई को है।
बॉलीवुड कलाकार पहले ही दे चुके हैं अपने जवाब
भाजपा नेता इंद्रमोहन सिंह हनी (एडवोकेट) ने 13 नवंबर 2024 को याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया था कि विज्ञापन में शामिल कलाकार और पान मसाला निर्माता युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं। पान मसाले में केसर होने का दावा कर वे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष अनुराग गौतम और सदस्य वीरेंद्र सिंह रावत ने शाहरुख खान, अजय देवगन, टाइगर श्रॉफ और विमल पान मसाला के निर्माता को 21 फरवरी 2025 को नोटिस जारी कर उपभोक्ता न्यायालय में तलब किया था। विमल पान मसाला में केसर के भ्रामक विज्ञापन की याचिका को लेकर 8 अप्रैल को बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ ने कोटा उपभोक्ता न्यायालय में जवाब दिया था। जबकि पान मसाला निर्माताओं ने सोमवार 21 अप्रैल को अपना जवाब पेश किया है।
अब सिलसिलेवार पढ़िए-क्या है पूरा मामला...
केसर का भ्रामक विज्ञापन: भाजपा नेता इंद्रमोहन सिंह हनी ने याचिका दायर कर कहा था- केसर का बाजार मूल्य करीब 4 लाख रुपए प्रति किलो है। ऐसे में इतने कम रेट (5 रुपए पाउच) पर विमल पान मसाला में केसर होने का भ्रामक विज्ञापन किया जा रहा है। इस संबंध में विमल पान मसाला की ओर से कोई ठोस सबूत नहीं दिए गए हैं।चेतावनी इतने छोटे शब्दों में है कि पढ़ना मुश्किल: भाजपा नेता ने कहा था- चेतावनी इतने छोटे शब्दों में है कि उसे पढ़ना भी संभव नहीं है। याचिकाकर्ता ने भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने की मांग की थी। साथ ही उन पर जुर्माना लगाने की भी मांग की थी। जुर्माने की राशि भारत सरकार के युवा मामले मंत्रालय में युवा कल्याण कोष में जमा कराने का अनुरोध किया था।
कोर्ट में आकर जवाब देने की मांग की: मामले को लेकर भाजपा नेता इंद्रमोहन सिंह हनी (एडवोकेट) ने कहा- कोटा उपभोक्ता न्यायालय में याचिका पर अभिनेता शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ की ओर से जवाब पेश किए गए हैं। दिए गए जवाब में उन्होंने खुद को बचाने की कोशिश की है। हमने कोर्ट से मांग की है कि अभिनेताओं को खुद कोर्ट में उपस्थित कराया जाए। ताकि कोई भी अभिनेता/सेलिब्रिटी गुटखा खाकर देश के युवाओं को बर्बाद करने की कोशिश न करे। उन्हें गुटखा खाने के लिए प्रेरित न करे।
युवा भ्रमित न हो: हनी के वकील विवेक नंदवाना ने कहा- तीनों अभिनेताओं की ओर से कोर्ट में पेश किए गए जवाब में लिखा है कि इस मामले की सुनवाई का अधिकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) को है। उन्होंने जवाब में यह भी लिखा कि हम किसी भी पान-मसाला तंबाकू युक्त उत्पाद का प्रचार नहीं करते हैं। हमने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है, हमने कोई भ्रामक विज्ञापन नहीं किया है। हमारे विज्ञापन से कोई युवा भ्रमित नहीं हुआ है।
विमल पान मसाला में केसर के भ्रामक प्रचार की याचिका को लेकर बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ ने कोटा उपभोक्ता न्यायालय में जवाब दिया है। तीनों कलाकारों ने कहा- निजी ज्ञान और जानकारी के आधार पर सभी तथ्य सही और सत्य हैं। जवाब में यह भी लिखा गया कि जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग को इस मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है।
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